शनि दोष दूर करता है नीलम, रत्न धारण करने से पहले बरतें ये सावधानी..

सौरमंडल में मौजूद नौ ग्रहों का प्रभाव हमारे जीवन पर भी होता है. हमारी कुंडली में किसी भी ग्रह की कमजोर स्थिति होने पर विपरीत प्रभाव देखने को मिलते हैं. शनि की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए नीलम को धारण किया जाता है. ज्योतिषशास्त्र में इस रत्न को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि अगर नीलम किसी शख्स को सकारात्मक प्रभाव देता है तो उसे राजा बनते समय नहीं लगता, लेकिन बगैर सलाह और जांच के इसे पहन लिया जाए तो ये उसके जीवन को तबाह करके रंक बना देता है. इसलिए नीलम को पहनने से पहले उसके नियमों को जान लेना बहुत जरूरी है.

रत्न शास्त्र (Ratna Shastra) के अनुसार मान्यता है कि यदि नीलम रत्न किसी व्यक्ति को रास आ जाए तो शुभ एवं लाभकारी फल देता है. लेकिन दोषपूर्ण स्थिति में नीलम रत्न धारण करने से लाभ की बजाय हानि भी हो सकती है.

जानिए किस काम आता है नीलम

शनि का मुख्य रत्न नीलम वायु तत्व को नियंत्रित करने में मददगार है. शनि को संतुलित करने के लिए इसे पहना जाता है. इसका रंग नीला होने के कारण इसे नीलम कहा जाता है. कुरुन्दम समूह का यह रत्न माणिक्य के साथ पाया जाता है. लेकिन बिना सलाह और सही जांच के इसे पहनना काफी खतरनाक माना जाता है

ऐसे करें नीलम की पहचान

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार नीलम छूने पर काफी मुलायम और चिकना सा महसूस होता है. इसमें धारियां भी होती हैं. पानी से भरे कांच के गिलास में यदि नीलम को रखें तो पानी के ऊपर नीली किरण दिखाई देने लगती है. आप किसी छोटे तिनके को इसके पास लेकर आएंगे तो वो इसमें चिपक जाएगा. मान्यता है कि नीलम इतना प्रभावशाली होता है कि 24 घंटे के अंदर आपको अपना असर दिखा देता है जिससे आपको पता चल जाएगा कि ये आपके लिए उपर्युक्त है या नहीं.

ऐसे पहचानें नीलम लकी है या अनलकी

रत्नशास्त्र के अनुसार बिना कुंडली के तत्वों और शनि को जाने नीलम नहीं पहनना चाहिए. कुंडली में चौथे, पांचवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में शनि हो तो नीलम पहनने से बहुत लाभ मिलता है. ज्योतिषियों का मानना है कि रात को सोते समय कम से कम पांच रत्ती के नीलम को एक नीले कपड़े में बांधकर अपने तकिए के नीचे रखकर सो जाएं. अगर आपको रात में अच्छे सपने आते हैं तो समझ जाइए कि ये आपके लिए लकी है और अगर बुरे सपने आते हैं तो भूलकर भी इसे धारण मत कीजिएगा. वहीं, यदि सोते समय बेचैनी महसूस हो तो इसका मतलब है कि आपके लिए नीलम धारण करना शुभ संकेत नहीं है.

पहनने के नियम जानें

नीलम को हमेशा शुक्ल पक्ष के शनिवार के दिन ही पहनना चाहिए. इसे पंचधातु या चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए. सोने में नीलम धारण करना सही नहीं माना जाता. शनिवार मध्य रात्रि को इसे धारण करने का सही समय माना जाता है. नीलम को बाएं हाथ की उंगली में पहनें और साथ में जल तत्व का रत्न भी धारण करें. चौकोर नीलम बेहतर और शुभ होता है. इसे धारण करने से पहले भगवान शिव और शनिदेव को जरूर समर्पित करें. इन सब नियमों को जानने के बावजूद इसे किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही धारण करें. साथ ही शनिवार के दिन मदिरा पान और तामसिक भोजन बिल्कुन न करें.