तुलसी पूजन : मां तुलसी के पवित्र मंत्र, तोड़ते समय और जल चढ़ाते समय बोलना न भूलें

इस बार 4 नवंबर 2022 को देवउठनी एकादशी है, इसे देवोत्थान प्रबोधनी भी कहा जाता है। इसी दिन तुलसी और शालिग्राम का विवाह किया जाता है तथा धार्मिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी की प्रतिदिन पूजा करने से घर में धन-संपदा, वैभव, सुख-समृद्धि प्राप्त होती हैं तथा मां तुलसी से की गई हर मनोकामना निश्चित रूप से पूरी होती है।
 
धार्मिक मान्यतानुसार घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा परिवार की पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। तुलसी के पौधे में जल चढ़ाते हुए यह विशेष मंत्र बोला जाए तो समृद्धि का वरदान हजार गुना बढ़ जाता है तथा घर में रहने वाले व्यक्तियों को रोग, शोक, बीमारी, व्याधि आदि से छुटकारा मिलता है।

📿यहां पढ़ें मां तुलसी के दिव्य मंत्र:-
 
🪔1. तुलसी को जल चढ़ाते समय बोलें यह मंत्र- 
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महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
 
🪔2. तुलसी पूजन मंत्र- 
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तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी। धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।। 
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्। तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
 
🪔3. तुलसी नामाष्टक मंत्र- 
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वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी। पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
एतनामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम। य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
 
🪔4. तुलसी स्तुति मंत्र- 
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देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः, नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
 
🪔तुलसी तोड़ते समय बोलें ये 3 पवित्र मंत्र-  
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5. मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी 
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
 
6. ॐ सुभद्राय नमः
 
7. ॐ सुप्रभाय नमः